गोवा के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी ने विकलांग बेटी को खाना खिलाने के लिए बनाया रोबोट

Ndtv | 2 months ago | 25-09-2022 | 08:25 pm

गोवा के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी ने विकलांग बेटी को खाना खिलाने के लिए बनाया रोबोट

गोवा में एक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी ने बिना किसी तकनीकी ज्ञान के अपनी विकलांग बेटी को भोजन कराने में मदद करने के लिए एक रोबोट बनाया है. उसकी पत्नी भी बीमार रहती है, जिससे वो बेटी को खाना नहीं खिला पाती है. गोवा स्टेट इनोवेशन काउंसिल ने बिपिन कदम के इस नए अविष्कार की सराहना की है, जिसे उन्होंने 'मां रोबोट' नाम दिया है. गोवा स्टेट इनोवेशन काउंसिल बिपिन को रोबोट पर आगे काम करने और इसकी व्यावसायिक व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए वित्तीय सहायता दे रहा है.खाना एक प्लेट पर रखा जाता है जो रोबोट का हिस्सा होता है. यह उस लड़की को, जो हिल-डुल नहीं सकती और हाथ नहीं उठा सकती, एक वॉयस कमांड पर यह निर्देश करती है कि वह क्या खाना चाहती है, जैसे सब्जी, दाल-चावल का मिश्रण या अन्य सामान. बिपिन दक्षिण गोवा के पोंडा तालुका के बेथोरा गांव के रहने वाले हैं.बिपिन कदम ने बताया कि उनकी 14 साल की बेटी विकलांग है और वह खुद खाना नहीं खा सकती है. वह अपने भोजन के लिए पूरी तरह से अपनी मां पर निर्भर है. उन्होंने कहा, "करीब दो साल पहले, मेरी पत्नी बिस्तर पर पड़ी थी. वह उदास और रोती थी, क्योंकि वह हमारी बेटी को खिलाने में सक्षम नहीं थी. मुझे अपनी बेटी को खिलाने के लिए काम से आना पड़ा."कदम की पत्नी ने कहा कि उन्हें कुछ ऐसा करना चाहिए, ताकि उनकी बेटी बिना किसी पर निर्भर हुए समय पर भोजन कर सके. इसने कदम को लगभग एक साल पहले एक रोबोट की खोज शुरू करने के लिए प्रेरित किया जो उसे खिला सके. उन्होंने कहा, "ऐसा कोई रोबोट कहीं भी उपलब्ध नहीं था. इसलिए, मैंने इसे खुद डिजाइन करने का फैसला किया."कदम ने एक सॉफ्टवेयर की मूल बातें जानने के लिए ऑनलाइन जानकारी की तलाश की. उन्होंने कहा, "मैं बिना ब्रेक के 12 घंटे काम करता और फिर अपना बाकी समय शोध करने और रोबोट बनाने का तरीका सीखने में बिताता. मैंने चार महीने तक लगातार शोध किया और फिर इस रोबोट को डिजाइन किया. काम से वापस आने पर मेरी बेटी को मुझ पर मुस्कुराते हुए देखने पर मैं ऊर्जावान हो जाता हूं."बिपिन ने कहा कि 'मां रोबोट' लड़की को उसके वॉयस कमांड से खाना खिलाती है. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा दे रहे हैं. उसी तरह, मैं अपने बच्चे को आत्मानिर्भर बनाना चाहता था और किसी पर निर्भर नहीं होना चाहता था." उन्होंने कहा कि वह अन्य बच्चों के लिए भी इसी तरह के रोबोट बनाना चाहते हैं. इस रोबोट को दुनिया भर में ले जाना चाहता हूं.गोवा स्टेट इनोवेशन काउंसिल ने कदम के काम की सराहना की है और राज्य द्वारा संचालित निकाय उन्हें अपने रोबोट को और बेहतर बनाने के लिए वित्तीय मदद दे रहा है और उत्पाद के लिए एक वाणिज्यिक बाजार तलाशने पर भी काम कर रहा है.Listen to the latest songs, only on JioSaavn.comपरिषद के परियोजना निदेशक सुदीप फलदेसाई ने कहा कि कदम ने एक स्केलेबल उत्पाद तैयार किया है जो समान स्थिति का सामना कर रहे कई लोगों की मदद कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस उत्पाद के लिए अभी कोई कीमत तय नहीं की जा सकती, क्योंकि इसका व्यावसायिक मूल्यांकन किया जाना बाकी है. पढ़ें देश और दुनिया की ताजा ख़बरें अब हिंदी में (Hindi News) | शिक्षा समाचार (Education News) , शहर (City News) , बॉलीवुड और राजनीति के समाचार at NDTV.in लाइव खबर देखें:फॉलो करे:................................ Advertisement ................................

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